सोचता हूँ ऐसे ही चुप रहूं
सदियों तक
तूफान के आने से पहले
सन्नाटे की तरह
हम सभी तो चुप हो जाते हैं
बिना कुछ बोले
शांत हो जाते हैं
नदी की तरह
हमारी चुप्पी
सोचने पर मजबूर कर देती है
खुद को भी
पहेली की तरह
खो जाऊं
मै भी इस भीड़ में
बादलों के पीछे
छिपे सूरज की तरह
चलो अच्छा हुआ जो टूट गया
इक अधूरा ख्वाब ही तो था
जो टूट गया
सीसे की तरह
#देव
सदियों तक
तूफान के आने से पहले
सन्नाटे की तरह
हम सभी तो चुप हो जाते हैं
बिना कुछ बोले
शांत हो जाते हैं
नदी की तरह
हमारी चुप्पी
सोचने पर मजबूर कर देती है
खुद को भी
पहेली की तरह
खो जाऊं
मै भी इस भीड़ में
बादलों के पीछे
छिपे सूरज की तरह
चलो अच्छा हुआ जो टूट गया
इक अधूरा ख्वाब ही तो था
जो टूट गया
सीसे की तरह
#देव